सात और गांव पानी-पानी, घरों में कैद हुए हजारों

लक्सर। खादर के गांवों में गंगा फिर कहर बरपाने लगी है। जलस्तर बढ़ने से सात और गांव बाढ़ की चपेेट में आ गए हैं। नौ गांव पहले से ही जलमग्न थे। अब बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या 16 हो गई है। दो महीने के भीतर सातवीं बार गंगा का पानी आबादी की तरफ बढ़ा है। 16 गांवों की हजारों की आबादी एक बार फिर घरों में कैद होने को मजबूर हो गई है।
टिहरी डैम से पानी छोड़ने और पहाड़ों में बारिश के चलते मंगलवार को गंगा का जलस्तर बढ़ गया था। मंगलवार देर शाम से सोपरी तटबंध से गंगा के पानी ने फिर आबादी की तरफ रुख कर लिया था। आधी रात के बाद पानी पहले से जलमग्न गांवों से होते हुए गंगा खादर के सात और गांवों के अंदर भर गया। चंद्रपुरी खादर, बालावाली, कुड़ी हबीबपुर, महाराजपुर, बहादराबाद, नंदपुर, कलसिया गांवों में एक से दो फीट तक पानी भर गया है। इन गांवों के रास्तों में चार से पांच फीट तक पानी भरा हुआ है। दो दिन की राहत के बाद ग्रामीण एक बार फिर से घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं। दोबारा पानी आने से गंगदासपुर, पंडितपुरी, जोगावाला, माड़ाबेला, चंद्रपुरी बांगर, गिद्दावाली, शेरपुरबेला गांवों में हालात और खराब हो गए हैं। इन गांवों से पहले का पानी भी नहीं उतरा था।

सात किमी पैदल चारपाई
लक्सर। खादर क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों के लिए बाढ़ मुश्किलें खड़ी करने लगी है। गांव में पानी होने के कारण गिद्दावाली की एक गर्भवती को ग्रामीण चारपाई पर लेटाकर सात किलोमीटर पैदल चलने के बाद रायसी पहुंचे। गिद्दावाली गांव के सुखपाल की पत्नी रेखा को मंगलवार रात को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। बाढ़ के चलते पुलिया और सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। सड़कों पर कई जगह पांच-पांच फीट तक पानी भरा हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि रात को रेखा को चारपाई पर लेटाकर ग्रामीण पैदल ही सात किलोमीटर दूर रायसी तक लाए। यहां से 108 सेवा के माध्यम से उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) लक्सर लाया गया। सीएचसी में रेखा ने बच्चे को जन्म दिया। सुरक्षित प्रसव होने के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।

पहले खाना दो और फिर दवा
लक्सर। अति बाढ़ प्रभावित गांव गंगदासपुर के ग्रामीणों ने दिल्ली से आई चिकित्सकों की टीम को लौटा दिया। ग्रामीणों का कहना था कि पहले खाना दो और फिर दवा।
दिल्ली से आई चिकित्सकों की टीम सीएचसी की एएनएम और वार्ड ब्वाय के साथ गंगदासपुर गांव में ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच के लिए पहुंची थी। जैसे ही टीम गांव पहुंची और लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए कहा तो ग्रामीण भड़क गए। ग्रामीणों का कहना था कि दो महीने से पानी से घिरे हैं। जरूरी सामान का अकाल पड़ा है। प्रशासन उनकी सुध नहीं ले रहा है। कभी-कभार चिकित्सकों को भेजकर राहत का ढोंग पीटा जा रहा है। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए टीम वापस लौट आई। डिप्टी सीएमओ डॉ अनिल वर्मा ने बताया कि ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए टीम वापस लौट आई है।

Related posts